(चि॰)
ज्यैष्ठः-03-05 ,कर्कटः-आश्रेषा🌛🌌 , वृषभः-मृगशीर्षम्-02-29🌞🌌 , शुक्रः-03-23🌞🪐 , मङ्गलः
- Indian civil date: 1946-03-21, Islamic: 1445-12-04 Ḏū al-Ḥijjah, 🌌🌞: सं- वृषभः, तं- वैगासि, म- इटवं, प- जेठ, अ- जेठ
- संवत्सरः - क्रोधी
- वर्षसङ्ख्या 🌛- शकाब्दः 1946, विक्रमाब्दः 2081, कलियुगे 5125
- 🪐🌞ऋतुमानम् — ग्रीष्मऋतुः उत्तरायणम्
- 🌌🌞सौरमानम् — वसन्तऋतुः उत्तरायणम्
- 🌛चान्द्रमानम् — ग्रीष्मऋतुः ज्यैष्ठः (≈शुक्रः)
खचक्रस्थितिः
- |🌞-🌛|तिथिः — शुक्ल-पञ्चमी►17:27; शुक्ल-षष्ठी►
- 🌌🌛नक्षत्रम् — आश्रेषा►23:37; मघा► (सिंहः)
- 🌌🌞सौर-नक्षत्रम् — मृगशीर्षम्►
- राशि-मासः — वैशाखः►
- 🌛+🌞योगः — व्याघातः►16:43; हर्षणः►
- २|🌛-🌞|करणम् — बालवम्►17:27; कौलवम्►
- 🌌🌛- चन्द्राष्टम-राशिः—मकरः
- 🌞-🪐 मूढग्रहाः - शुक्रः (-1.73° → -2.01°), बुधः (4.54° → 3.31°)
- 🌞-🪐 अमूढग्रहाः - शनिः (91.46° → 92.38°), मङ्गलः (49.24° → 49.45°), गुरुः (16.85° → 17.58°)
राशयः
शनि — कुम्भः►. गुरु — वृषभः►. मङ्गल — मेषः►. शुक्र — वृषभः►. बुध — वृषभः►. राहु — मीनः►. केतु — कन्या►.
दिनमान-कालविभागाः
- 🌅—05:56-12:19🌞-18:42🌇
⬇ | ⬆ | ⬇ | |
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चन्द्रः | ⬆10:03 | ⬇22:54 | |
शनिः | ⬇12:15 | ⬆00:21* | |
गुरुः | ⬇17:26 | ⬆04:44* | |
मङ्गलः | ⬇15:08 | ⬆02:44* | |
शुक्रः | ⬆06:04 | ⬇18:50 | |
बुधः | ⬇18:24 | ⬆05:42* | |
राहुः | ⬇13:48 | ⬆01:37* | |
केतुः | ⬆13:48 | ⬇01:37* |
- 🌞⚝भट्टभास्कर-मते वीर्यवन्तः— प्रातः—05:56-07:32; साङ्गवः—09:08-10:43; मध्याह्नः—12:19-13:55; अपराह्णः—15:30-17:06; सायाह्नः—18:42-20:06
- 🌞⚝सायण-मते वीर्यवन्तः— प्रातः-मु॰1—05:56-06:47; प्रातः-मु॰2—06:47-07:38; साङ्गवः-मु॰2—09:20-10:11; पूर्वाह्णः-मु॰2—11:53-12:44; अपराह्णः-मु॰2—14:27-15:18; सायाह्नः-मु॰2—17:00-17:51; सायाह्नः-मु॰3—17:51-18:42
- 🌞कालान्तरम्— ब्राह्मं मुहूर्तम्—04:26-05:11; मध्यरात्रिः—23:12-01:26
- राहुकालः—15:30-17:06; यमघण्टः—09:08-10:43; गुलिककालः—12:19-13:55
- शूलम्—उदीची (►11:02); परिहारः–क्षीरम्
उत्सवाः
- अहिल्या-बायि-जन्म #२९९
अहिल्या-बायि-जन्म #२९९
Event occured on 1725-06-11 (gregorian). Julian date was converted to Gregorian in this reckoning.
Ahilyabai was born on May 31 1725 to Patil Mankoji Shinde. She was a widow who became Malwa’s greatest queen. Defended our country & personally led armies into battle. Never plundered anyone. Developed Malwa into a prosperous kingdom. Rebuilt temples destroyed by “peaceful” people. Built Dharmashalas at Tirthas. Patronized arts.
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